जफा वफा से रूबरू होना पड़ा कई बार इस दिल को जख्मी होना पड़ा कई बार मोहब्बत उल्फत निस्बत सब देखा हमने कभी हंसी तो कभी गम सहना पड़...Read More
डॉ बीना सिंह जी की ताजी रचना पढ़िये, जफा वफा से रूबरू होना पड़ा कई बारइस दिल को जख्मी होना पड़ा कई बार_srisahitya
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अप्रैल 20, 2021
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अटूट बंधन ------------------------ तुम हो मन में, मन है तुझमें, तेरे मेरे मन का, अट...Read More
सुख की गोद हो, विश्वास की चदरिया, हम तुम हों दोनों, आहृलाद भरी प्रेम नगरिया ,सुषमा जी की प्यारी रचना_srisahitya
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अप्रैल 15, 2021
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विश्व स्वास्थ्य दिवस पर कवि सम्मेलन आयोजित तन खुशहाल रहेगा तो यह दुनियाँ खुशहाल रहेगी,इसलिये हर हाल में तन मन को स्वस्थ्य रखना ह...Read More
साहित्यकुंज द्वारा स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को लेकर विश्व स्वास्थ्य दिवस पर कवि सम्मेलन आयोजित_srisahitya
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अप्रैल 08, 2021
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कुर्सी -------------------- कुर्सी के साथ छुपा होता है भय, कुर्सी और सता प्रपंचों का खुला खेल हर्यक हो...Read More
सुषमा सिंह की तीन ताजी रचनाओं में पढ़िए समय का नहीं कोई विकल्प, समय से हर कार्य तू कर, समय की महता तू समझ, जीवन सूर्य जाएगा चमक_srisahitya
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अप्रैल 03, 2021
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1092-
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आपके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना के साथ -सहज साहित्य परिवार
*परमजीत कौर रीत*
*कोविड पोजिटिव होकर अस्पताल में भर्ती हूँ ऐसे में एक बार फिर अपनी पसंदीद...
2106...आँकड़ों को दबाने के आकाँक्षी हैं हम?
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सादर अभिवादन।
गुरुवारीय अंक में आपका स्वागत है।
करोना काल के
साक्षी हैं हम,
आँकड़ों को दबाने के
आकाँक्षी हैं हम?
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
आइए अब आप...
चर्चा - 4044
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*आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है *
*फेसबुक पर रोज साहित्यिक मित्रों के बिछुड़ने के समाचार इन दिनों खूब मिल रहे
हैं| मृत्यु शाश्वत है| पहले भी लोग मृत...
सकारात्मक का महत्व !
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एक दिन एक किसान का बैल कुएँ में गिर गया। वह बैल घंटों ज़ोर -ज़ोर से रोता
रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिऐ और क्या
नहीं।अंत...
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तुम्हे गोरैया, आना होगा
कभी सवेरे रोज चहक कर
हमें जगाती थी चीं चीं कर
बच्चों सी भरती किलकारी
कहाँ गयी गौरैया प्यारी
तुमसे बिछड़े ,बहुत दुखी हम
लुप्...
रेशा-रेशा जो कभी हम उधड़ गए होते ...
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*पाँव बादल पे उसी रोज़ पड़ गए होते. *
*पीठ पर हम जो परिन्दों के चढ़ गए होते. *
*जिस्म पत्थर है निकल जाता आग का दरिया,*
*एक पत्थर से कभी हम रगड़ गए होते.*
*ढ...
696....चालीस घंटे...ज्योति खरे
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सांध्य दैनिक के
सोमवारीय अंक में आप सभी का
स्नेहिल अभिवादन
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आज सिर्फ़ एक रचना पढ़िए
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अपने होने
और अपने जीने की
उम्मीद को
छाती में पकड़े पिता
ऑक्स...
प्रेम के हैं रूप कितने (अनुराग शर्मा)
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तोड़ता भी, जोड़ता भी, मोड़ता भी प्रेम है,
मेल को है आतुर और छोड़ता भी प्रेम है॥
एकल वार्ता और काव्यपाठ, साढ़े सात मिनट की ऑडियो क्लिप
गूगल पॉडकास्ट (Google ...
जो एक डोर से बंधे है ...सुरेन्द्रनाथ कपूर
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क्या चाहता है मन ?
क्यों इतना उदास है?
वह मिल के नहीं मिलते
जिनसे
मिलने की प्यास है!
अपने को खोजता है
किसी और की छाया में
रहता है खुद से दूर
मगर गैरों ...
होली पर ताऊ का मुशायरा
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*प्यारे भतिजो और भतिजियो, होली की आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं. इस मौके पर
ताऊ द्वारा एक मुशायरे में पढी गई रचना का आनंद लीजीये.*
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"मेरी बात बहुत से ब्लॉगरों को बुरी लग सकती है"
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* आज मैं ऐसे विषय पर कलम चलाने जा रहा हूँ जो बहुत से ब्लॉगरों को बुरी लग
सकती है।*
*मित्रों!*
*चर्चा मंच पर सन् 2009 से अनवरतरूप से आपके द्वारा लिखी गई ...
समीक्षा- 'वो खाली बेंच'
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कहानी संग्रह *वो खाली बेंच*
लेखिका- मालती मिश्रा
समीक्षा- रतनलाल मेनारिया 'नीर'
मालती मिश्रा जी की कहानी संग्रह की चर्चा करने से पहले इनके परिचय के...
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गयी जब छोड़ मुझको, मैं ढुकास रहता हूँ
प्रिया की याद में दिनभर उदास रहता हूँ |
भ्रमित तो मैं नहीं हूँ, धारणा यही मेरी
लगे मुझको हमेशा यह, कि पास रहता हूँ ...
स्मृति के योग्य - लघुकथा
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एक सामयिक लघुकथा
नगर के मुख्य मार्ग पर बनी दीवार के सामने दो युवक बुरी तरह लड़ रहे थे. काफी
भीड़ इकट्ठा हो गयी थी. वहां से गुजरते नगराध्यक्ष ने यह नज़ारा द...
Every moment is covered in memories
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eyes that have limbs, Then he remembered. Get it or not, Every moment is
covered in memories. Who doesn't know who he is, Is it a flower or a vine?
But ...
2019 का वार्षिक अवलोकन (अट्ठाईसवां)
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खत्म होनेवाला है हमारा इस साल का सफ़र। 2020 अपनी गुनगुनी,कुनकुनी आहटों के
साथ खड़ा है दो दिन के अंतराल पर।
चलिए इस वर्ष को विदा देते हुए कुछ बातें कहती ...
जानिए क्या होता है बस्तर का लांदा और सल्फ़ी
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जब भी बस्तर जाना होता है तब बस्तरिया खाना, पेय पदार्थ का स्वाद लेने का मन
हो ही जाता है, चाहे, लांदा हो, सल्फ़ी हो या छिंदरस। बस्तर की संस्कृति पहचान
ही अलग...
विंडोज आधारित सिस्टम में गुगल वाइस टाइपिंग
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*विंडोज आधारित सिस्टम में गुगल वाइस टाइपिंग*
हममें से अधिकांश लोगों को टंकण करना काफी श्रमसाध्य एवं उबाऊ कार्य लगता है
और हम सभी यह सेाचते हैं कि व्यक्...
टुकड़े
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सब कुछ साबुत जब दिखता है ऊपर से ,
बहुत कुछ टूटा होता है अन्दर !!
कई टुकड़े ......
स्व-अस्तित्व के,
स्वाभिमान के,
क्षत-विक्षत भावनाओं के,
अपनों ही की- ईर्ष्या...
ब्लॉग प्रसारण: सोमवारीय अंक
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*नमस्कार , मैं नीरज कुमार नीर उपस्थित हूँ ब्लॉग प्रसारण के सोमवारीय अंक के
साथ आपके लिए प्रस्तुत हैं मेरे द्वारा चुने हुए कुछ लिंक्स . पढ़िए और
कमेंट्स क...
ममता की छांव
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आजकल मौसम शानदार और सुहाना है, ऊपर से 3 दिन की छुट्टी...यानि आज ईद. कल
शनिवार और फ़िर रविवार. इसी का फ़ायदा उठाकर आज का सारा दिन जंगलों में भटकते
हुये ब...
OBO -छंद ज्ञान / गजल ज्ञान
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उर्दू से हिन्दी का शब्दकोश
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ग़ज़ल शब्दावली (उदाहरण सहित) - 2गीतिका छंद
वीर छंद या आल्हा छंद
'मत्त सवैया' या 'राधेश्यामी छंद' :एक पर...