नयनों से नयन मिलाईये ;
चश्मा उतार कर I
होंठों को बन्द कीजिये ;
होंठों को बन्द कीजिये ;
चश्मा उतार कर ....II
बोलती तो आँखें हैं ,
पर्दा ना कीजिये I
बहाना धूप का ना कीजिये;
चश्मा उतार कर.... II
पर्दा ना कीजिये I
बहाना धूप का ना कीजिये;
चश्मा उतार कर.... II
छाजाये नभ में बादल ;
इन आँखों को देख करI
इन आँखों को देख करI
धरती की प्यास बुझाईये ;
चश्मा उतार कर .....II
चश्मा उतार कर .....II
इन आँखों को देखने;
सुरज दहक रहा हैI
सुरज दहक रहा हैI
अब आप मान जाइए ;
चश्मा उतार कर .....II --.श्री राम राय
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