अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस
घनाक्षरी
तन को निरोगी रखें,
योगा रोज आप करें।
मन शुद्ध होय तभी, भाव अपनाइए।
भोर होत योगा करें, सतत अभ्यास करें।
छोड़ काम सभी आप, योग अपनाइए।।
शुद्ध खाएं फल आप,
रहें खुशहाल सभी।
बड़ी-बड़ी व्याधियों को, दूर ही भगाइए।
योग अपनाएं यहां,
सब को सिखाएं यहां।
मन से प्रसन्न रहें, रीति अपनाइए।।
राजेश श्रीवास्तव राज़
अयोध्याधाम, उ.प्र.