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दोहे-ss

दोहे
चित्रगुप्त पूजन करें, जिनको इसका ज्ञान
कागज कलम दवात ही ,है इनकी पहचान ।।

ब्रम्ह बदन से हैं प्रकट ,प्रभुवर यह सुकुमार।
चित्रगुप्त भगवान को , जाने जग संसार ।।

धर्मराज बैठे बगल , आसन भव्य पुनीत।
धर्माधर्म  विचार कर ,  देखें कर्म अतीत ।।
चित्रगुप्त को पूजकर ,   तृप्त हुए गांगेय 
तन आहत अर्जुन किये, फिर भी रहे अजेय।।

कलमकार को शब्द दे , करते सोच प्रदान ।
बार-बार प्रभु को नमन ,   वर दाता भगवान।।
      ….. सतीश मापतपुरी

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