चित्रगुप्त सत देव हैं
चित्रगुप्त वंशज सभी,करता ओम प्रणाम।
विनय करे सबसे यही,करो वंश हित काम।।
चित्रगुप्त सत देव हैं, करें कर्म लख न्याय।
बुद्धिमान प्रभुवर बहुत,करिये उचित विधाय।।
चित्रगुप्त पूजन करो, रखकर समुचित साज।
सकल कृपा प्रभु की रहे,मिले अर्थ अरु ताज।।
वेद ग्रन्थ वर्णन मधुर,चित्रगुप्त भगवान।
सत्य भाव वन्दन करो,मिले देव वरदान।।
ओम करे प्रभु का पूजन,करता सतत प्रणाम।
विनय सदा करता यही,बढ़े वंश का नाम।।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
तिलसहरी,कानपुर नगर